सुंदर मुंदरिए- हो
तेरा कौन विचारा-हो
दुल्ला भट्टी वाला-हो
आखिर ये
दुल्ला भट्टी वाला कौन है ?
अब्दुल्ला भट्टी के जिक्र से जुड़ी लोहड़ी की एक कहानी पंजाब और आसपास के क्षेत्र में काफी प्रचलित है. इसके मुताबिक उस दौर में पंजाब में एक ब्राह्मण हुआ करता था. उसकी दो बेटियां थीं - सुंदरी और मुंदरी. इन दोनों की शादी तय हो चुकी थी कि इस बीच मुगलिया सल्तनत के एक अफसर की नजर इन पर पड़ गई. इससे इनका पिता बड़ा परेशान हुआ और उसने लड़कियों की ससुराल पक्ष से दरख्वास्त की कि वे शादी तय तारीख से पहले करने को तैयार हो जाएं. लेकिन सल्तनत के अफसर का डर उनको भी था, सो उन्होंने इसके लिए न कर दी. कहते हैं कि जब यह बात दुल्ला भट्टी को पता चली तो उसने लोहड़ी के दिन दोनों पक्षों को बुलाकर लड़कियों की शादी करवा दी और तब से लोहड़ी का यह गीत लोकप्रिय हुआ जिसमें दुल्ला भट्टी का जिक्र है.
हालाँकि अब इसे लेकर यह झूठ फैलाया जा रहा है कि दुल्ला भट्टी एक सिख था जिसने हिंदुओं को बचाने के लिए अकबर से दुश्मनी मोल ली थी . ऊपर मौजूद चित्र की भाषा धार्मिक पूर्वाग्रहों से भरी है. ऐसे झूठ कौन फैला रहा है? कहने की ज़रूरत नहीं कि ये वही लोग हैं जिन्हें इतिहास को नए रंग से लिखना है. जिनके लिए मुसलमान बाहर से आए आक्रांताओं की संतानें हैं और ऐसे में उनके बीच से कोई नायक कैसे हो सकता है?
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