कोरोना जैसी महामारी ने लगभग सारी दुनिया भर में ही व्यापक कहर ढा रखा है और भारत में भी अपने पैर पसार चुकी है . वैश्विक संकट के इस समय में संयम , समझदारी और वैज्ञानिक द्र्ष्टिकोंन की अत्यंत आवश्यकता है . किन्तु देश -विदेश में कुछ लोग पर्याप्त जानकारी के अभाव में या कुछ स्वार्थो के कारण ही जनता के बीच भ्रामक और गलत जानकारिया परोस रहे है .
भारत में अभी हाल फिलहाल तक गाय के मूत्र और गोबर से कोरोना के इलाज की बाते कई मंत्री और नेता स्वयम कह रहे थे . जिसके कारण सोशल मिडिया में ये मामला काफी सुर्खियों में रहा था . ध्यान रखिये इंडियन वायरोलॉजिकल सोसाइटी के डॉ शैलेंद्र सक्सेना के अनुसार "ऐसा कोई मेडिकल सबूत नहीं है, जिससे पता चलता हो कि गोमूत्र में एंटी-वायरल गुण होते हैं. वहीं गाय के गोबर का इस्तेमाल उल्टा भी पड़ सकता है. क्योंकि हो सकता है कि इसमें कोरोना वायरस हो जो इंसानों में भी आ सकता है."
2018 से काउपैथी गाय के गोबर से बने साबुन के अलावा अल्कोहल-फ्री हैंड सैनिटाइजर ऑनलाइन बेच रही है, जिनमें देसी गायों का गोमूत्र मिलाया जाता है. फिलहाल ये ऑनलाइन आउट ऑफ स्टॉक दिखाया जा रहा है. प्रोडक्ट के अनुसार "मांग बढ़ जाने की वजह से अब हम प्रति ग्राहक उत्पाद बेचने की सीमा तय कर रहे हैं, ताकि सभी ग्राहकों को यह उत्पाद मिल सके." वहीं दूसरी तरफ योग गुरु बाबा रामदेव ने एक हिंदी न्यूज़ चैनल पर लोगों को घर में ही हर्बल हैंड सैनिटाइजर बनाने की सलाह दे डाली है. उन्होंने कहा है कि आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी गिलोय, हल्दी और तुलसी के पत्तों के सेवन से कोरोना वायरस को रोकने में मदद मिल सकती है.
लेकिन मित्रो विश्व स्वास्थ्य संगठन और अमरीका के डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक़ अल्कोहल युक्त हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करना बेहद ज़रूरी है और लंदन स्कूल ऑफ हाइजिन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन में प्रोफेसर सैली ब्लोमफिल्ड के मुताबिक भी कोई भी घर में बनाया गया सैनिटाइज़र कारगर नहीं होगा, क्योंकि वोडका तक में सिर्फ़ 40 प्रतिशत अल्कोहल ही होता है.
यही नहीं कोरोना के नाम पर कुछ कारोबारी तो ये कहकर सामान बेच रहे हैं कि इससे कोरोना वायरस से बचा जा सकता है. उदाहरण के लिए 15 हज़ार रुपए में "एंटी कोरोना वायरस" गद्दे बेचे जा रहे हैं. इसके विज्ञापन अख़बारों में भी दिए गए थे . किन्तु विरोध होने पर निर्माता ने विज्ञापन हटा दिया है .
इसी प्रकार कहा जा रहा है कि चाय पीकर कोरोना से बचा जा सकता है . दरअसल इसके पीछे चाय में मिथाइलज़ेन्थाइन्स नाम का एक तत्व का होना है जो कॉफी और चॉकलेट में भी मिलता है. चीन में भी फरवरी में इस तरह की कुछ रिपोर्ट आई थीं जिनमें दावा किया गया था कि चाय के इस्तेमाल से कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सकता है, लेकिन ये दावे सही नहीं है.
कोरोना जैसी खतरनाक महामारी से बचने के लिए अफवाहों से बचना भी आवश्यक है . अत: किसी भी जानकारी पर विश्वास करने से पहले उसके तथ्यों की जांच अवश्य कर ले .
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